अजीब इत्तफाक है, बाबा के ग्यारह सौ करोड़ और स्विस बैंक में ग्यारह हजार करोड़। यानी दस बाबा बराबर एक स्विस बैंक। वैसे हमारे यहां पांच लाख करोड़ तो तहखानों में निकल आते हैं और ४० हजार करोड़ वाले बाबा भी हैं।
@सुधीर जी- तहखानों में जब धनराशि दबाई गई होगी तो यह नहीं सोचा गया होगा कि इसका इस्तेमाल काले धंधों के लिए या काले धन के तौर पर किया जाएगा. तब इस खजाने की कीमत 5 लाख करोड़ भी नहीं रही होगी. यह तो आपकी कांग्रेस सरकार की अंधी महंगाई के चलते इसकी कीमत 5 लाख करोड़ तक पहुंच गई है. आप बताएं, जब सोना चांदी दफनाए गए थे तब उनकी वास्तविक कीमत क्या रही होगी? और किस उद्देश्य से दफनाए गए होंगे? @प्रतुल जी- अन्ना हजारे ने आप की अदालत में कहा था कि जो जिस कलर का चश्मा पहनेगा, उसे जग उसी रंग का दिखाई देगा. दिग्गी ही नहीं, सभी कांग्रेसियों को सब हरा ही हरा दिखाई देता है. @दवे साहब भारत की जनता को मूर्ख बनाने की कतई जरूरत नहीं है. अगर वह मूर्ख नहीं होती तो ईमानदार लोगों को अपना नेता बनाती, हराम.. को नहीं. परतें धीरे-धीरे उधड़ रही हैं.
खाने में मिर्च ज्यादा हो तो मिर्च के अलावा और किसी चीज का स्वाद पता ही नहीं चलता। कांग्रेस भी दिग्विजय को इसी तरह खाने में तेज मिर्च के रूप में ही इस्तेमाल कर रही है।
अजीब इत्तफाक है, बाबा के ग्यारह सौ करोड़ और स्विस बैंक में ग्यारह हजार करोड़। यानी दस बाबा बराबर एक स्विस बैंक। वैसे हमारे यहां पांच लाख करोड़ तो तहखानों में निकल आते हैं और ४० हजार करोड़ वाले बाबा भी हैं।
जवाब देंहटाएं'दिग्गी' सोनिया जी का 'बीरबल' है.... जिसके दिमाग पर केवल कांग्रेसी ही इतराते हैं.
जवाब देंहटाएंसही है गुरू पर यह आकड़े भारत की जनता को मूर्ख बनाने के लिये भी फ़र्जी दर्शाये गये हों यह हो सकता है
जवाब देंहटाएं@सुधीर जी-
जवाब देंहटाएंतहखानों में जब धनराशि दबाई गई होगी तो यह नहीं सोचा गया होगा कि इसका इस्तेमाल काले धंधों के लिए या काले धन के तौर पर किया जाएगा. तब इस खजाने की कीमत 5 लाख करोड़ भी नहीं रही होगी. यह तो आपकी कांग्रेस सरकार की अंधी महंगाई के चलते इसकी कीमत 5 लाख करोड़ तक पहुंच गई है. आप बताएं, जब सोना चांदी दफनाए गए थे तब उनकी वास्तविक कीमत क्या रही होगी? और किस उद्देश्य से दफनाए गए होंगे?
@प्रतुल जी-
अन्ना हजारे ने आप की अदालत में कहा था कि जो जिस कलर का चश्मा पहनेगा, उसे जग उसी रंग का दिखाई देगा. दिग्गी ही नहीं, सभी कांग्रेसियों को सब हरा ही हरा दिखाई देता है.
@दवे साहब
भारत की जनता को मूर्ख बनाने की कतई जरूरत नहीं है. अगर वह मूर्ख नहीं होती तो ईमानदार लोगों को अपना नेता बनाती, हराम.. को नहीं. परतें धीरे-धीरे उधड़ रही हैं.
तीखा तडका आज कुछ ज्यादा ही तीखा रहा ..गरमा -गर्म मिर्ची ...सी ..सी ..
जवाब देंहटाएंबढ़िया तड़का .......सही कहा भाई
जवाब देंहटाएंखाने में मिर्च ज्यादा हो तो मिर्च के अलावा और किसी चीज का स्वाद पता ही नहीं चलता। कांग्रेस भी दिग्विजय को इसी तरह खाने में तेज मिर्च के रूप में ही इस्तेमाल कर रही है।
जवाब देंहटाएंKam hi bataya hai,
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