छोटा-सा हुआ घोटाला जमकर चिल्लाए टीवी वाले अखबारों ने भी किया बोलबाला हर बार यही होता है हाल उधेड़ी जाती बाल की खाल पर इक बड़ा, बहुत बड़ा हुआ घोटाला टीवी वालों की मर गई नानी अखबार भी कुछ न बोला कहां गए वो वायदे सच-सच चिल्लाने वाले!!! मसला आया जब पैसे विज्ञापन का भूल गए खुद को अपने पेशे को कुछ लालच में तो कुछ मजबूरी में सब बेईमान हो गए -मलखान सिंह
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