आमीन भाई..... " एक पाकिस्तान तो कांग्रेस ने बनवा दिया... ये विलंब ना होता तो दूसरा हम बनवा चुके होते।" ये वाला तड़का पसंद नहीं आया. आमीन जी हिन्दू होने के नाते नहीं बल्कि एक आम इंसान होने के नाते मैं अयोध्या में श्री राम मंदिर का समर्थन करता हूँ . ये तो आप भी मानोगे कि अयोध्या श्री राम के जन्म स्थान के रूप में विश्व भर में जानी जाती है ..अगर एक बहुत बड़ा वर्ग वहाँ मंदिर बनाने की बात करता है तो क्या ग़लत है . इसकी बहुत सी दूसरी वजह भी है. फिर फ़ैसला एक न एक दिन तो आना ही है. हाँ ..हमें आपस में भाईचारा बनाकर रखना चाहिए मैं इस बात को मानता हूँ .
मैं इतना कहना चाहूंगा कि ऐसा नहीं है कि अयोध्या में कोई मंदिर नहीं है। वहां हमारे हर शहर की तरह पहले से ही कई मंदिर और मस्जिदें हैं। इसके बावजूद हम विवाद पैदा कर रहे हैं। सिर्फ इसलिए ताकि लोगों के दिल बंट सकें और हमारी राजनीति की दुकान चलती रहे। पहले ऐसे ही दिल बांट कर पाकिस्तान बनाया गया था। तब भी मुसलिम लीग और आरएसएस ही हिन्दू-मुसलिम झगड़ों पर राजनीति कर रहे थे। कांग्रेस ने सत्ता संभाली थी, इसलिए वह तो सिर्फ नैतिक आधार पर ही जिम्मेदार थी। सिर्फ नेहरू के मान जाने से ही पाकिस्तान नहीं बना। पाकिस्तान बना उन भावनाओं के खूनी खेल से जिन्हें मुसलिम लीग के नेताओं और संघ के नेता भड़काते रहे। इन्हें हिन्दू-मुसलिम भाई-भाई का गांधी का रवैया रास नहीं आ रहा था। यही हाल इनका अब है। सत्ता में होते हैं तो चुप्प बैठ जाते हैं, सत्ता छिन जाती है तो फिर वही भावनाएं भड़काने का खेल खेलते हैं। आमीन ने सही कहा, इनका उद्देश्य सिर्फ नए पाकिस्तान पैदा करना ही है।
ना तो कट्टर हिन्दू ही सही हैं और ना मुस्लिम। इंडिया को इस वक़्त जरूरत है एकजुट होकर आगे बढ्ने की। कांग्रेसी और भाजपाई सिर्फ और सिर्फ राजनीति जानते हैं, आम आदमी का दुख नहीं। यदि जानते होते तो महंगाई जैसे मुद्दों पर काम होता, भ्रष्टाचार खत्म करने पर काम होता। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। हर काम मे अदालत को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है। मैं चाहता हूँ कि वहाँ ना तो मस्जिद बने और ना ही मंदिर। वहाँ एक खेल का मैदान बनना चाहिए, जहां बच्चे खेल सकें।
बढ़िया प्रस्तुति .......
जवाब देंहटाएंदेख तेरे इस देश कि हालत क्या हो गयी भगवान् ....
यहाँ भी आये और अपनी बात कहे :-
क्यों बाँट रहे है ये छोटे शब्द समाज को ...?
अभी भी कोई कमी है क्या...
जवाब देंहटाएंAccha prayash aur bahut accha concept. badhai!
जवाब देंहटाएंmere bhai tadka thoda kam lgyooo nhi to soniya ghandi sun legi
जवाब देंहटाएंsirf ayodhya dusra pakistan banwa dega to kashmir kya karega!!!!!!!!!!!
जवाब देंहटाएंआमीन भाई.....
जवाब देंहटाएं" एक पाकिस्तान तो कांग्रेस ने बनवा दिया... ये विलंब ना होता तो दूसरा हम बनवा चुके होते।"
ये वाला तड़का पसंद नहीं आया. आमीन जी हिन्दू होने के नाते नहीं बल्कि एक आम इंसान होने के नाते
मैं अयोध्या में श्री राम मंदिर का समर्थन करता हूँ . ये तो आप भी मानोगे कि अयोध्या श्री राम के जन्म स्थान के रूप में
विश्व भर में जानी जाती है ..अगर एक बहुत बड़ा वर्ग वहाँ मंदिर बनाने की बात करता है तो क्या ग़लत है .
इसकी बहुत सी दूसरी वजह भी है. फिर फ़ैसला एक न एक दिन तो आना ही है. हाँ ..हमें आपस में भाईचारा बनाकर रखना चाहिए मैं इस बात को मानता हूँ .
वीरेंद्र जी,
जवाब देंहटाएंमैं इतना कहना चाहूंगा कि ऐसा नहीं है कि अयोध्या में कोई मंदिर नहीं है। वहां हमारे हर शहर की तरह पहले से ही कई मंदिर और मस्जिदें हैं। इसके बावजूद हम विवाद पैदा कर रहे हैं। सिर्फ इसलिए ताकि लोगों के दिल बंट सकें और हमारी राजनीति की दुकान चलती रहे। पहले ऐसे ही दिल बांट कर पाकिस्तान बनाया गया था। तब भी मुसलिम लीग और आरएसएस ही हिन्दू-मुसलिम झगड़ों पर राजनीति कर रहे थे। कांग्रेस ने सत्ता संभाली थी, इसलिए वह तो सिर्फ नैतिक आधार पर ही जिम्मेदार थी। सिर्फ नेहरू के मान जाने से ही पाकिस्तान नहीं बना। पाकिस्तान बना उन भावनाओं के खूनी खेल से जिन्हें मुसलिम लीग के नेताओं और संघ के नेता भड़काते रहे। इन्हें हिन्दू-मुसलिम भाई-भाई का गांधी का रवैया रास नहीं आ रहा था। यही हाल इनका अब है। सत्ता में होते हैं तो चुप्प बैठ जाते हैं, सत्ता छिन जाती है तो फिर वही भावनाएं भड़काने का खेल खेलते हैं। आमीन ने सही कहा, इनका उद्देश्य सिर्फ नए पाकिस्तान पैदा करना ही है।
ना तो कट्टर हिन्दू ही सही हैं और ना मुस्लिम। इंडिया को इस वक़्त जरूरत है एकजुट होकर आगे बढ्ने की। कांग्रेसी और भाजपाई सिर्फ और सिर्फ राजनीति जानते हैं, आम आदमी का दुख नहीं। यदि जानते होते तो महंगाई जैसे मुद्दों पर काम होता, भ्रष्टाचार खत्म करने पर काम होता। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। हर काम मे अदालत को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है। मैं चाहता हूँ कि वहाँ ना तो मस्जिद बने और ना ही मंदिर। वहाँ एक खेल का मैदान बनना चाहिए, जहां बच्चे खेल सकें।
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