02 अगस्त 2011

चकित क्‍यों हैं सिब्‍बल साहब

बयान: मैं चकित हूं कि चांदनी चौक में किए सर्वे में बेहद आधुनिक सिविल सोसायटी को 100 प्रतिशत समर्थन क्‍यों नहीं मिला. - कपिल सिब्‍बल, केंद्रीय मंत्री

तुझसे नाराज नहीं जिंदगी, हैरान हूं मैं.... 
तड़का: इसमें चकित होने वाली क्‍या बात है मंत्री जी? चांदनी चौक में आपके परिवार के भी तो कुछ लोग रहते होंगे.

10 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी यह उत्कृष्ट प्रवि्ष्टी कल बुधवार के चर्चा मंच पर भी है! सूचनार्थ निवेदन है!

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  2. इत्ते बड़े बोल बस इसलिए ये बोल रहा क्योकि लोकसभा चुनाव अभी दूर है, वर्ना निकल गई होती सारी हेकड़ी बेशर्म की!

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  3. ये सब कांग्रेस के दीमक हैं, चाट डालो भाई जितना जल्दी चाट सको....

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  4. अपना डर छुपा रहे हैं साहब .....

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  5. ashish.1987.srivastava@gmail.com3:14 pm, अगस्त 03, 2011

    sibbal chakit nahi, khush hai, ki ek aazad desh me ab bhi log gulami karne k liye taiyar hai.

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  6. अन्ना हजारे का सर्वे क्या आपने प्रामाणिक मान लिया है, जो व्यक्ति एक तरफ पूरा देश अपने साथ बताता है और दूसरी ओर कहता है कि अगर वे चुनाव लडे तो जमानत जब्त हो जाएगी, क्या तडके को यह विरोधाभास नजर नहीं आता

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  7. @तेजवानी जी
    क्‍या आप जानते हैं कि मनमोहन सिंह भी एक बार चुनाव लड़ चुके हैं? 1999 में दिल्‍ली में मनमोहन सिंह लोकसभा का चुनाव हार चुके हैं. जबकि वो कांग्रेस की ओर से लड़े थे. आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अन्‍ना का हाल होगा. आप समझदार हैं, ज्‍यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं.
    यह लिंक देख लें.
    http://blog.tnsatish.com/2008/08/manmohan-singhs-defeat-in-lok-sabha.html

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  8. आपने जो तुलना की है, उसका कोई अर्थ ही नहीं है, सीधी सी बात है कि अन्ना एक ओर पूरा देश अपने साथ बताते हैं, दूसरी ओर कहते हैं कि वे चुनाव नहीं जीत पाएंगे, कैसी विरोधाभासी बात है, मनमोहन के चुनाव न लडने को कोई मतलब ही नहीं है, वे संविधान के मुताबिक एक पार्टी की ओर से चुने गए हैं, ऐसा अन्ना भी कर के दिखा दें, उसमें कोई क्या दिक्कत है, मगर अन्ना अपने आप को संसद से भ्ी फपर मान रहे हैं, असल में वे दंभ से भर गए हैं और अराजकता फैला रहे हैं

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